द’ गुरुकुलम स्कूल के बच्चों ने युवा दिवस के रूप में मनाया स्वामी विवेकानंद की जयंती
* थे गुरुकुलम स्कूल के बच्चों ने उत्साह पूर्वक मनाया विवेकानंद जयंती
नगर /शहर स्थित ‘द ’गुरुकुलम स्कूल में स्वामी विवेकानंद की जयंती को युवा दिवस के रूप में मनाया गया। छात्र-छात्राओं ने अपने भाषण से सभी को मंत्र मुक्त कर दिया। वहीं छात्र-छात्राओं ने उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प भी लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की प्रधानाचार्य प्रियंका मुखर्जी,विद्यालय की समन्वयक मृदुला राय व सविता दास ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलन व विवेकानंद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया।
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इसके बाद बच्चों ने संगोष्ठी को आगे बढ़ाते हुए बारी-बारी से अपने विचारों को रखा। जिसमें प्रमुख रूप से छात्र सार्थक जायसवाल ने अपने उद्बोधन के दौरान कहा कि विवेकानंद का जीवन भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के प्रसार के लिए समर्पित था। वह एक महान दार्शनिक शिक्षक और राष्ट्रीय नेता थे।जिन्होंने हमें आत्मविश्वास सेवा और राष्ट्रीय एकता के महत्व को सिखाया। वही विद्यालय की छात्रा देवाशी सिंह ने अपने भाषण में कहा कि विवेकानंद जी ने हमारे देश को नई दिशा दिखाई और युवाओं को जागरूक किया।उनका संदेश था–
"उठो,जागो और तब तक नहीं रुको
जब तक लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाता"
विद्यालय की प्रधानाचार्य प्रियंका मुखर्जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि विवेकानंद जी ने हमें याद दिलाया कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह जीवन के हर पहलू को शामिल करती है।उन्होंने हमें सिखाया कि हमें अपने जीवन को दूसरों की सेवा में समर्पित करना चाहिए और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनुशासन और मेहनत का पालन करना चाहिए।साथ साथ ही छात्र-छात्राओं को स्वामी विवेकानंद के बताए मार्गो पर चलने के लिए प्रेरित भी किया।
कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की छात्रा नन्दनी व खुशी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय की समन्वयक मृदुला राय ने किया। इस अवसर विद्यालय के सभी छात्र - छात्राएं एवं सभी शिक्षक मौजूद रहें।
रिपोर्ट चंचल सिंह