वाराणसी। काशी तमिल संगमम दो, मे शामिल होने के लिए तमिल श्रद्धालुवो का तीसरा दल,, गोदावरी,, गुरुवार को काशी पहुंचा। बनारस की धरती पर आगमन होते ही दक्षिण भारतीय मेहमानों का वडक्कम काशी करके अभिवादन किया।
तथा, ढोल नगाड़े कि थाप के बीच स्वस्ति मंत्र और फूलों की वर्षा से शहर बनारस में अतिथि देव भवः के भाव से भी परिचित करा दिया गया।
काशी पहुंच सभी डेलिगेट्स का धर्म, सभ्यता इतिहास के बारे में बताया जाएगा।
इसका दूसरा एकेडमिक सत्र कल 22 दिसंबर को होगा। जिसमें तमिलनाडु के प्रोफेशनल डेलिगेट्स हिस्सा लेंगे। इस एकेडमिक सत्र मे भारतीय पेशेवरों के लिए चुनौतियां और अवसरों पर संवाद स्थापित किया जाएगा।
मेहमानों के लिए विशेष तैयारी तथा कार्यक्रम काशी पहुंचे मेहमानों के लिए विशेष तैयारी की गई है।
इस यात्रा में शामिल मेहमान को तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के क्लास संस्कृत की झलक दिखाई देगी।
इसके अलावा सभी सदस्यों को काशी विश्वनाथ धाम, काल भैरव मंदिर, सारनाथ, हनुमान घाट, गंगा आरती सहित अन्य स्थानों पर भ्रमण एवं दर्शन कराया जाएगा।
और फिर यहां से प्रस्थान करके सभी मेहमान प्रयागराज और अयोध्या का भ्रमण करेंगे।
फिलहाल 14 दिनों तक दक्षिण भारतीय मेहमान का आओ भगत किया जाएगा ताकि काशी की यात्रा उनके लिए यादगार बन जाए। काशी में इन मेहमान ऑन को दक्षिण भारत का खान, पान रहन-सहन और वेशभूषा के साथ ही वहां के लोग और काशी के लोगों का दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान का झलक दिखाई देगा।
साथ ही ग्रुप में 1500 से ज्यादा डेली गेट्स बनारस आएंगे।
हर ग्रुप में 205 डेली गेट्स की मौजूदगी होगी।
तमिल पंचांग के अनुसार इस बार मर्गली, मार्गशीर्ष महीने में काशी तमिल संगम-दो का आयोजन किया जाएगा।
रिपोर्ट जगदीश शुक्ला