
️वाराणसी। विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी, एक्ट ) देव कांत शुक्ला की अदालत ने दलित युवक पर प्राणघातक हमला करने के लंका थाने के एक मामले में आरोपी को जमानत दे दी। थाना कोतवाली चुनार (मिर्जापुर) निवासी आरोपी अमन सिंह पटेल को 50-50 हजार रुपये की दो जमानते एवं बंधपत्र देनें पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता राहुल राज, प्रमोद मौर्या व विकास चौहान ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी संदीप ने विपक्षी दीपक, अमन व कुनाल के विरुद्ध न्यायालय में दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत प्रार्थनापत्र दिया था, जिसके बाद थाना लंका में प्राथमिकी दर्ज की गई। आरोप था कि वादी संदीप की बहन की शादी बजरडीहा में हुई थी, जिसके कारण प्रार्थी का अक्सर अपनी बहन के ससुराल आना जाना बराबर बना रहता है। उसकी बहन के ससुराल के निकट रहने वाले अमन पटेल, कुनाल, दीपक से परिचय व मित्रता भी हो गयी।
7 मई 23 को जब प्रार्थी अपने दैनिक मज़दूरी के कार्य को समाप्त करके व मजदूरी के बाबत पारिश्रमिक रुपया मु० 20,000 लेकर घर जा रहा था कि अमन पटेल और दीपक ने फ़ोन पर प्रार्थी से कहा तुम सीर गेट बी०एच०यू० के पीछे आ जाओ शादी में चलना है। जिसपर प्रार्थी ने असमर्थता जतायी लेकिन बार-बार विपक्षीगण के कहे जाने पर प्रार्थी बी०एच०यू० के पीछे सीर गेट पर चला गया तो उसके बाद उपरोक्त विपक्षीगण ने परिचय व मित्रता होने के नाते कहा कि चला छित्तपुर शादी में चलना है।
प्रार्थी तब भी इन्कार किया तो विपक्षीगण कहे कि ठीक है चलो बी०एच०यू० गेट पर चलते हैं। प्रार्थी अपने मोटर सायकिल से उक्त विपक्षी के साथ बी०एच०यू० गेट पर जाने के लिये तैयार हो गया। बीच में ही विपक्षीगण ने सुनसान जगह देखकर प्रार्थी को रोक कर मारने पीटने लगे और गले में पहना हुआ सोने की चैन लगभग 10 ग्राम को भी छीन लिये और प्रार्थी के पास ओपो मोबाईल को भी छीन लिये और उसके बाद प्रार्थी को बुरी तरह से मुक्का, लात, घूंसे से जबड़े पर मारा और राड से भी मारा पीटा जिससे प्रार्थी बुरी तरह से अचेत अवस्था में हो गया।
प्रार्थी के अचेतन अवस्था के बाद यह पता नहीं कि पार्थी को मरणासन्न अवस्था में उसके घर के बाहर छोड़ दिया। विपक्षीगण के मारने पीटने से प्रार्थी के घर वाले उसके कराहने की आवाज सुनकर प्रार्थी को आन-फानन में निकट के एक डाक्टर को दिखाये। डाक्टर के यहां पर इलाज पट्टी करने करने के दौरान डाक्टर ने कहा कि हमारे बश की बात नहीं है। तत्पश्चात् प्रार्थी को प्रार्थी के घर वाले बी०एच०यू० ट्रामा सेन्टर ले गये। वहां पर उसका इलाज व एक्सरे द्वारा पता चला कि प्रार्थी का जबड़ा टूट गया है।
प्रार्थी को जबड़े में अभी कुछ तार लगे हैं। प्रार्थी का इलाज होने के पश्चात् डाक्टर घरा घर ले जाने की इजाजत दे दी गयी। तत्पश्चात् इस घटना की सूचना 11मई 2023 को सम्बन्धित पुलिस चौकी बजरडीहां पर दिया गया। विपक्षीगण इतने मनबढ़ हैं कि बार-बार यह सन्देशा भेजवा रहे हैं कि साले चमार-सियार तुम लोग मुकदमा लिखाने की कोशिश करते हो. पुलिस हमारी जेब में है, जिस वजह से तुम लोग हमारा कुछ नहीं कर पाओगे। मुकदमा करने की कोशिश मत करना नहीं तो जान से मार दिया जायेगा।
उक्त घटना के बाबत प्रार्थी ने 19 मई 2023 को रिमाइण्डर प्रार्थनापत्र जरिये रजिस्टर्ड डाक पुलिस कमिश्नर, कमिश्नरेट, को दिया और विपक्षीगण के विरूद्ध कोई कार्यवाही न होने पर न्यायालय की शरण ली। तब न्यायालय के आदेश पर 19 जुलाई 2023 को थाना लंका पर अभियुक्तगण दीपक, अमन पटेल व कुनाल के विरूद्ध संबंधित धाराओ मुक़दमा दर्ज किया गया।