वाराणसी ज्योतिष शास्त्र में भाल रेखा को महत्वपूर्ण माना जाता है। भाल रेखा या माथे की रेखाएं व्यक्ति के जीवन,भूत,वर्तमान और भविष्य के बारे में जानकारी देती है। ये रेखाएं व्यक्ति के मस्तिष्क की स्थिति, आकार, रंग और रेखाओं के अध्ययन से फलादेश करती हैं। बुद्धि और सोच-विचार की क्षमता भी इस प्रणाम निर्भर है। अतः ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत भाल रेखा का अध्ययन अति महत्वपूर्ण माना जाता है।
उक्त बातें काशी विद्वत परिषद के मन्त्री व राष्ट्रपति पुरस्कृत पूर्व प्राचार्य डा.गणेश दत्त शास्त्री ने शनिवार को दशाश्वमेध स्थित अति प्राचीन शास्त्रार्थ महाविद्यालय में एक मास पर्यन्त चलने वाले ज्योतिष ज्ञान शिविर के शुभारम्भ पर कही। इन्होंनें बोला कि जिस प्रकार कुण्डली व हस्त रेखा ज्योतिष में भाग हैं ठीक उसी प्रकार भाल रेखा का भी महत्व है जो हमें भविष्य का बोध कराती है।
भाल रेखाओं के अध्ययन से व्यक्ति को अपने जीवन के बारे में बेहतर तरीके से समझने और मार्गदर्शन करने में मदद मिलती है। शिविर के संचालक ज्योतिर्विद आचार्य संजय उपाध्याय ने अपने सम्बोधन में ज्योतिष में भाल रेखा के बारे में बतलाते हुए कहा कि लंबी और स्पष्ट मस्तक रेखा व्यक्ति के बुद्धिमान और तर्कशील होने का संकेत देती है। भाल रेखाएं व्यक्ति के व्यक्तिगत लक्षणों, जैसे कि बुद्धि,भावनाएं,भाग्य और जीवनशैली को दर्शाती हैं।
ये व्यक्ति के जीवन में होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं, जैसे कि प्रेम विवाह,करियर और धन प्राप्ति का संकेत भी देती हैं। ज्योतिष शास्त्र में भाल रेखाएं महत्वपूर्ण हैं और इनसे व्यक्ति के जीवन के भविष्य का अनुमान लगाने में कई तरह के संकेत होते हैं। जैसे रेखा की लंबाई लंबी रेखा व्यक्ति की अच्छी बुद्धि, रचनात्मकता और मानसिक क्षमता का संकेत देती है।छोटी रेखा कम बुद्धि,कम धैर्य और रचनात्मकता की कमी का संकेत दे सकती है।
शिविर शुभारंभ पर विषय प्रस्तावना रखते हुए कार्यक्रम संयोजक व संस्था के प्राचार्य डा.पवन कुमार शुक्ल ने बतलाया कि ज्योतिष शास्त्र के संक्षिप्त ज्ञानार्जन हेतु छात्रहित में इस प्रकार के शिविर महाविद्यालय में निरंतर लगाए जा रहे हैं। अभी पूर्व में पंचांग प्रशिक्षण,कुण्डली निर्माण, हस्तरेखा विज्ञान आदि का शिविर लगाया जा चुका है जिसमें लगभग 160 से ऊपर विद्यार्थियों सहित आमजन ने भी शिविर का लाभ लिया है
प्रमाण पत्र प्राप्त कर अपनी क्षमतानुसार ज्योतिष के माध्यम से फलादेश कर रहे हैं। इस भाल रेखा शिविर में प्रथम दिन भी 40 से ज्यादा लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है जो संख्या आगे बढ़ सकती है। कार्यक्रम कि अध्यक्षता काशी पण्डित सभा के मन्त्री डा.विनोद राव पाठक ने किया। विशिष्ट अतिथि के रुप में पूर्व चिकित्साधिकारी डा.सारनाथ पाण्डेय रहे। अन्य उपस्थित प्रमुख लोगों में ज्योतिषाचार्य डा.अमोद दत्त शास्त्री, डा.शेषनारायण मिश्र,डा.रामलखन पाठक,विकास दीक्षित,बृजेश शुक्ला व अशोक कुमार आदि थे।