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वाराणसी। संदिग्ध परिस्थितियों में मानसिक चिकित्सालय में भर्ती मरीज की मौत के मामले में दाखिल प्रार्थना पत्र कोर्ट ने खारिज कर दी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष कुमार की अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पत्रावली पर ऐसा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है, जिससे मानसिक चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ. अरविंद कुमार सिंह द्वारा लापरवाही किया जाना परिलक्षित हो रहा है। ऐसे में इस मामले में विवेचना किए जाने का आदेश केवल संभावनाओं के आधार पर नहीं किया जा सकता है। इसी आधार पर अदालत ने प्रार्थना पत्र निरस्त करने का आदेश दिया। अदालत में चिकित्सक की ओर से अधिवक्ता राहुल श्रीवास्तव ने पक्ष रखा।

⚡️अभियोजन पक्ष के अनुसार प्रार्थी अनिल कुमार ने अदालत में बीएनएनएस की धारा 173(4) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप था कि उसके भाई आलोक कुमार को दवा इलाज कराने के लिए 29 मई 2023 को मानसिक चिकित्सालय पांडेयपुर में भर्ती कराया गया था। जहां उसका इलाज डॉ. अरविंद कुमार सिंह व अस्पताल के अन्य कर्मचारियों की देखरेख में किया जा रहा था। इस बीच उसके भाई की मृत्यु 9 जून 2023 को हो गई। जिसकी सूचना मृत्यु के लगभग 15 घंटे बाद चिकित्सालय कर्मियों द्वारा उसे दी गई। सूचना पर जब वह वहां पहुंचा तो देखा कि उसके भाई के शव से बदबू आ रहा है। जबकि उसके भाई की सभी रिपोर्ट नॉर्मल थी। उसे शंका है कि उसके भाई की मौत डॉ. अरविंद कुमार सिंह व अन्य अस्पताल कर्मियों की लापरवाही से हुई है। इस मामले में उसने कैंट थाना समेत पुलिस के उच्चाधिकारियों से शिकायत की, लेकिन जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो उसने अदालत की शरण ली।

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