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लखनऊः राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग की वेतन पुनरीक्षण संबंधी सिफारिशों को पहली जनवरी 2016 से लागू करने और इस अवधि के एरियर के भुगतान का निर्णय किया है।


सरकार के इस फैसले से प्रदेश में न्यायिक सेवा के अधिकारियों का वेतन 10 हजार रुपये से लेकर 30 हजार रुपये तक बढ़ेगा। इस निर्णय से न्यायिक सेवा के लगभग 2600 अधिकारी लाभान्वित होंगे।


इस निर्णय के दायरे में उत्तर प्रदेश में न्यायिक सेवा के सिविल जज जूनियर डिवीजन, सिविल जज सीनियर डिवीजन तथा जिला जज के एंट्री लेवल, सेलेक्शन ग्रेड और सुपरटाइम स्केल की तीनों श्रेणियों के अधिकारी आएंगे जिन्हें बढ़े वेतन का लाभ मिलेगा। सिविल जज जूनियर डिवीजन स्तर के न्यायिक अधिकारियों का वेतन 10 से 15 हजार रुपये बढ़ेगा।


सिविल जज सीनियर डिवीजन स्तर के न्यायिक अधिकारियों का वेतन लगभग 20 हजार रुपये बढ़ेगा। वहीं जिला जज स्तर के अधिकारियों का वेतन 25 से 30 हजार रुपये तक बढ़ेगा। सरकार के इस निर्णय से सरकारी खजाने पर हर महीने 7.22 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्ययभार आएगा। वहीं एरियर के भुगतान से 671 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।


उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के पूर्व महासचिव बीएन रंजन ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया है। उन्होंने कहा कि संघ लंबे समय से इसकी मांग कर रहा था।

रिपोर्ट- विनय पाठक
 

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