वाराणसी -- किसी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करके कार्य करें, संकुल की दीदियां- उक्त बातें जिला ग्राम्य विकास संस्थान परमानंदपुर में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत माडल संकुल स्तरीय संघ का विजनिंग मॉड्यूल-2 (एमसीएलएफ वी-2)बिषय पर 29 जुलाई 2025 से चल रहे तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण सत्र के समापन के अवसर पर गुरुवार को प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए उपायुक्त (स्वत: रोजगार) पवन कुमार सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि यदि हमें सफलता प्राप्त करनी है तो हम किसी भी कार्य को करने के लिए सबसे पहले उसकी प्राथमिकता तय कर लें और एक निश्चित उद्देश्य की प्राप्ति के लिए लक्ष्य निर्धारित करके उस दिशा में कार्य करें। प्रशिक्षण कार्यक्रम के तीन दिनों में डीआरपी सुरेश पाण्डेय व नीलू श्रीवास्तव द्वारा प्रशिक्षुओं को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से उनके सीएलएफ के प्रस्तावित दृष्टि वाक्य का निर्धारण कराया गया। जिसके अंतर्गत विकासखंड सेवापुरी के विकास सीएलएफ ने तय किया कि संकुल समिति का है सपना, आत्मनिर्भर दीदी, खुशहाल परिवार,आदर्श गांव हो अपना। इसी के साथ सीएलएफ की दीदियो ने अपने-अपने ग्राम संगठन से आए हुए आयामों पर सामुदायिक सहभागिता के आधार पर सीएलएफ की प्राथमिकताओं को तय किया। जिसके अंतर्गत उच्च प्राथमिकता वाले कार्यों में संगठन की मजबूती, स्वास्थ्य, स्वच्छता और आजीविका को रखा। इसी कड़ी में दल बल गतिविधि के अंतर्गत गुब्बारे के खेल के माध्यम से लक्ष्य निर्धारित करने के महत्व को जाना। इस अवसर पर जिला मिशन प्रबंधक श्रवण कुमार सिंह ने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशिक्षण के तीन दिनों में आंकड़ों के आधार पर सीएलएफ द्वारा तय किए गए 5 साल के सपनों को पूरा करने के लिए दीदियां यहां से जाकर कम करें। समापन अवसर पर जिला प्रशिक्षण अधिकारी विमल कुमार सिंह द्वारा सभी प्रशिक्षुओं एवं अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर सत्र प्रभारी संजय कुमार, सुरेश तिवारी, नीरज कुमार, अजीत कुमार, कविता,नीता, चन्दा, संजू, पूजा, छाया, रेनू, रेखा, पुष्पा, नीलम, राधिका, सुनीता, पूनम, माधुरी, मुन्नी, सावित्री, इन्दू, प्रिया, कुसुम, रीमा, समेत 45 प्रतिभागियों की उपस्थिति रही।