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जलीलपुर चौकी क्षेत्र के पड़ाव चौराहा इन दिनों जाम के जकड़न से ग्रस्त हो गया है। पड़ाव चौराहा से मुग़लसराय और रामनगर मोड़ के पास डग्गामार बड़ी गाड़ियों की वजह से रोजाना लगता है जाम। पड़ाव से चंदौली और बिहार जाने के लिए प्राइवेट बस का संचालन भारी संख्या में हो रहा है। इसके अलावा पड़ाव से मिर्जापुर और सोनभद्र तक के लिए प्राइवेट बसों का संचालन किया जा रहा है। सवाल यह है कि जब पड़ाव चौराहे पर कोई अधिकृत स्टैंड नहीं है तो आखिर कैसे बड़ी गाड़ियों का संचालन हो रहा हैं।

सवाल यह भी है कि क्या जलीलपुर पुलिस और ट्रैफिक पुलिस की नजर अवैध स्टैंड तक नही पहुंच पा रही है। पिछले कुछ महीनों से पड़ाव चौराहा पर लगातार बसों की सांख्य बढ़ रही है। पड़ाव मुगलसराय रोड़ पर सुबह से शाम तक कई बसें खड़ी रहती है एक-एक कर बसों में सवारियां बैठाते है फिर निकल जाते है। ट्रैफिक पुलिस वैसे तो बहुत ऐक्टिव मोड़ रहती है एक ऑटो,टोटो या कोई प्राइवेट कार खड़ी हो जाए तो ट्रैफिक पुलिस द्वारा उसे तुरंत आगे बढ़ने के लिए बोला जाता है। कई बार ऐसा भी होता है बोलने से पहले उसका फ़ोटो क्लिक कर चालान कर दिया जाता है फिर उसके बाद उसे आगे बढ़ने के लिए बोला जाता है। 

पूरे प्रदेश भर में यातायात माह चलाया जा रहा है बड़ी-छोटी गाड़ियों की चेकिंग अभियान युद्ध स्तर पर चल रही है। चेकिंग के दौरान नम्बर प्लेट, हेलमेट, तीन सवारी, काली फ़िल्म, हूटर और प्रेशर हॉर्न इत्यादि इन सभी चीजों पर बारीकी से ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन पड़ाव चौराहा से संचालित हो रहे डग्गामार बड़ी गाडियों पर अभी तक जलीलपुर पुलिस और ट्रैफिक पुलिस की नजर नही पहुंची है। इसी डग्गामार बड़ी गाड़ियों की वजह से पड़ाव चौराहा जाम के जकड़न से जकड़ गया है। रोजाना ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय पुलिस की जाम छुड़ाने में पसीना निकल जाती है लेकिन वो बड़ी गाड़ियों की तरफ अपनी नजर तक नही करते है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां एक तरफ डबल डेकर बस को हरी झंडी दिखा रहे हैं। ताकि आम राहगीरों को बेहतर सुविधा दी जा सके। पूरे प्रदेश भर में सरकारी बसों का संचालन होता है साथ ही वाराणसी से ई-बस के संचालन का विस्तार हुआ है। वाराणसी से ई-बस मुगलसराय चंदौली और वाराणसी में नारायपुर मिर्जापुर तक संचालित किया जा रहा है। ताकि आम राहगीरों को बेहतर सुविधा दी जा सके,और इसके अलावा सरकार का रेवेन्यू भी बढ़ाया जा सके। लेकिन ट्रैफिक पुलिस की कार्य प्रणाली के हिसाब से सरकार को पर्याप्त रेवेन्यू नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि उनके नज़रों के सामने ही अवैध स्टैंड से प्राइवेट डग्गामार बसों का धड़ल्ले से संचालित किया जा रहा है।

 

रिपोर्ट समीर अली

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