इसे पहली बार 1991 में गुजरात के एक आतंकवादी मामले में गिरफ्तार किया गया था,, इसे उम्रकैद की सजा हुई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के मियां लॉर्ड्स ने इसकी सजा घटाकर 10 साल कर दी। वह 2001 में जेल से बाहर आ गया। क्या वह सुधर गया? हाहाहा!
2003 में उसे फिर मुंबई के तीन बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया गया,,,इसे फिर 10 साल की सजा मिली,, लेकिन अच्छे व्यवहार के कारण जल्दी छोड़ दिया गया। क्या वह सुधर गया? हाहाहा!!
वह अपने गांव पाढ़गा (ठाणे में) लौटा, और गांव को 'मुक्त क्षेत्र' यानी 'अल-शाम' घोषित कर दिया,,वहां उसने ISIS के खलीफा के नाम पर युवा मुसलमानों को 'बैयत' (निष्ठा की शपथ) दिलाई,, पाढ़गा-बोरीवली के युवाओं को भर्ती किया और भारत में आतंक फैलाने की साजिश रची,, 2023 में उसे मुंबई पर ड्रोन हमले की योजना बनाते हुए फिर से गिरफ्तार किया गया,,क्या अब वो सुधरेगा? हाहाहाहा!!!
आप कहेंगे – नहीं।
लेकिन हमारी न्यायपालिका सुप्रीम कोठे के मियां लॉर्ड्स उसे फिर एक मौका दे रही है।
अब देखिए न्यायपालिका उसे कितना पसंद करती है: 2024 में जेल में रहते हुये उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली कि सरकार ने ISIS को आतंकवादी संगठन क्यों घोषित किया,,, सुप्रीम कोर्ट यानि सुप्रीम कोठे के मियां लॉर्ड्स ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया।
कुछ भी हो सकता है सुप्रीम कोठे के मियां लॉर्ड्स कहीं केंद्र सरकार को नोटिस जारी न कर दे किससे पूछकर तुमने ISIS को आतंकवादी घोषित किया ??