Shaurya News India
इस खबर को शेयर करें:

धन,दौलत और माल-खजाना छूट यही सब जाना है।

अपना-अपना करता फिरे क्यू, कोई काम न आना है
सांसो का यह ताना-बाना,एक दिन टूट ही जाना है।

जग में आया, जाने से पहले कर्म सही कर जाना है।

मानवता और देशहित जीवन अर्पण कर जाना है। 

 - राजलक्ष्मी नन्दिनी जी 

   रिपोर्ट रोशनी 

इस खबर को शेयर करें: