Shaurya News India
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वाराणसीः धर्म नगरी काशी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस बार वाराणसी से उन्हें एक और बुजुर्ग शख्स चुनौती दे रहे हैं। यह शख्स मध्य प्रदेश के दतिया जिले के रहने वाले हैं। इनका नाम रामकुमार वैद्य है। वे समाजसेवी हैं और चूरन बेचते हैं। वे दतिया के इंदरगढ़ कस्बे के धरतीपकड़ भी कहे जाते हैं। वैद्य हाल ही में उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने 25 हजार रुपये की चिल्लर जमाकर नामांकन पत्र खरीद लिया था।


वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम मोदी को चुनौती देने वाले रामकुमार इससे पहले भी पार्षद से लेकर विधायक तक के कई चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन, इस बार उन्होंने अपना संसदीय क्षेत्र बदल लिया। उन्होंने बताया कि वे इलाके की जनसमस्याओं को संसद में उठाने के लिए वाराणसी से चुनाव लड़ने पहुंचे हैं। वैद्य के नामांकन फॉर्म खरीदने की कहानी भी अजब है। वे आसपास के इलाके में 1-2 रुपये की चूरन की पुड़िया बेचते हैं। इसी पुड़िया को बेचते-बेचते उनके पास हजारों की संख्या में सिक्के जमा हो गए। इन सिक्कों को झोले में भरकर वे वाराणसी पहुंचे थे। उनके थैले में 25 हजार की चिल्लर देख रिटर्निंग अधिकारी भी दंग रह गए थे।


प्लॉट और जमीन बेचकर लड़ेंगे चुनाव
हालांकि अफसर ने उनके सिक्के गिनकर उन्हें नामांकन फॉर्म देते हुए 14 मई को दोपहर 1 बजे दाखिल करने का समय दिया है। उन्होंने बताया कि बनारस के ही कुछ स्थानीय ऑटो वाले उनके प्रस्तावक होंगे।नामांकन फॉर्म जमा करने के लिए तो सिक्के इकठ्ठे कर लिए, लेकिन अब चुनाव लड़ने लिए व्यवस्था कहां से होगी, इस सवाल पर वैद्य का कहना है कि वे प्लॉट और जमीन बेचकर चुनाव लड़ेंगे। वे यहां की समस्याएं संसद में उठाएंगे। रामकुमार वैद्य साल 2018 में निर्दलीय, साल 2022 में नगर पालिका और साल 2023 में विधायक का भीचुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन, उन्हें सफलता नहीं मिली थी। 

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