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चन्दौली।देशभर में 1 जुलाई से भारतीय दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता और दंड प्रक्रिया संहिता के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, साक्ष्य अधिनियम 2023 के प्रावधान लागू होने की जानकारियां आम जन को देने को लेकर थाना प्रभारी धीना द्वारा थाना परिसर क्षेत्र के संभ्रांत लोगो के साथ गोष्ठी का आयोजन कर कार्यशाला का आयोजन कर जानकारी दी गई

 

 

इस अवसर पर SHO श्री रमेश यादव ने बताया कि भारतीय दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता लागू होगी। दंड प्रक्रिया संहिता के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की शुरुआत हो गई है। नए कानून में जीरो एफआईआर, ई-एफआईआर का प्रावधान ऐसा किया गया है कि व्यक्ति कहीं से भी एफआईआर दर्ज करा सकता है। ऐसा करने के बाद वो तीन दिन में पुलिस के पास आ जाता है, तो उसकी एफआईआर हो जाएगी।

 

वही थाना प्रभारी धीना ने बताया की शादी का झांसा देकर जो बलात्कार किया जाता था तो “ये जो बाबु सोना या प्यार में धोखा होता था तो ये अब नहीं चलेगा”। यदि किसी ने धोखा देकर या शादी का झांसा देकर किसी महिला या बच्ची के साथ बलात्कार किया है तो उसे जेल जाना ही पड़ेगा। इसमें 10 वर्ष के कठोर कारावास का प्रावधान किया गया है।

 

भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) में 511 धाराएं हैं, जिन्हें भारतीय न्याय संहिता से बदला गया है। इसमें 358 धाराएं होंगी। विधेयक में कुल 20 नए अपराध जोड़े गए हैं

 

और 19 धाराओं को हटा दिया गया है। इनमें से 33 अपराधों में कारावास की सजा बढ़ा दी गई है, जबकि 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है। इस अवसर पर संभ्रांत जन और थाने के समस्त कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

 

 

रिपोर्ट अलीम हाशमी

 

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