भगवान गणेश के साथ ही महालक्ष्मी और शुक्र ग्रह की पूजा का शुभ योग आज, महालक्ष्मी को खीर का भोग
~~~~~~
आज (शुक्रवार, 17 जनवरी) माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है, इसे तिल चतुर्थी कहते हैं। इस तिथि पर भगवान गणेश के लिए पूजा-पाठ, व्रत और तिल से जुड़े धर्म-कर्म करने की परंपरा है। शुक्रवार और चतुर्थी के योग में गणेश जी के साथ ही महालक्ष्मी और शुक्र ग्रह की पूजा की जाती है। जानिए आज कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं...
तिल चौथ पर गणेश जी को तिल-गुड़ के लड्डू का भोग लगाते हैं, इसके साथ तिल कुटा भी भोग में रखा जाता है। कई लोग तिल का चूरमा भी बनाते हैं। जो लोग तिल चतुर्थी का व्रत करते हैं, वे पूरे दिन निराहार रहते हैं, शाम को चंद्र दर्शन करके चंद्र देव की पूजा की जाती है।
भगवान गणेश की सरल पूजा विधि
घर के मंदिर में भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने का संकल्प लें। गणेश जी के साथ माता पार्वती और शिव जी की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें।
पूजा में भगवान को जल चढ़ाएं। जल के बाद दूध, दही, घी, मिश्री, शहद से बना पंचामृत चढ़ाएं। पंचामृत के बाद फिर से जल चढ़ाएं।
भगवान को नए वस्त्र अर्पित करें। हार-फूल से श्रृंगार करें। चंदन, अक्षत, फूल, दूर्वा, बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल और अन्य सामग्रियां अर्पित करें। तिल-गुड़ के लड्डू, मिठाई का भोग लगाएं।
धूप-दीप जलाकर भगवान की आरती करें। ऊँ गं गणपतयै नम: मंत्र का जप करें। अंत में भगवान से जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा मांगे। पूजा के बाद प्रसाद बांटें।
शाम को चंद्र उदय के समय भी फिर से पूजा करें। चंद्र दर्शन करके चंद्र को अर्घ्य दें, चंद्र की भी पूजा करें। पूजा में ऊँ सों सोमाय नम: मंत्र का जप करें।
पूजा में गणेश चालीसा और मंत्रों का पाठ करते हैं। चतुर्थी व्रत की कथा भी पढ़नी चाहिए।
शुक्रवार और चतुर्थी के योग में कौन-कौन से शुभ काम
• शुक्रवार को महालक्ष्मी और देवियों के अन्य स्वरूपों की पूजा करने की परंपरा है। महालक्ष्मी की पूजा भगवान विष्णु के साथ करनी चाहिए। लक्ष्मी-विष्णु का अभिषेक करें। इसके लिए दक्षिणावर्ती शंख में जल-दूध भरें और भगवान को स्नान कराएं। इसके बाद हार-फूल और वस्त्रों से श्रृंगार करें। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र जप करें। तिल के लड्डू, मिठाई का भोग तुलसी के साथ लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
• आज पूजा-पाठ और व्रत करने के साथ ही भोजन, वस्त्र, तिल, जूते-चप्पल, ऊनी वस्त्रों और धन का दान करना चाहिए।
• गौमाता को घास खिलाएं, किसी गौशाला में धन का दान करें। पक्षियों के लिए घर की छत पर अनाज और पानी रखें।
• शुक्र ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है, इसलिए आज शिव जी का विशेष पूजन करें। शिवलिंग पर जल, दूध चढ़ाएं। बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि से श्रृंगार करें। धूप-दीप जलाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। शुक्र ग्रह के मंत्र ऊँ शुक्राय नम: का भी जप करें। मंत्र जप कम से कम 108 बार करेंगे तो बहुत शुभ रहेगा।