वाराणसीः सच में लोग क्यों कहते हैं कि महिलाएं मेकअप बहुत करती हैं?
अजी, शिक्षित,ज्ञानी औरतें तो सादगी भरी सुंदरता में जिया करती हैं,साथ ही शक्तिपुंज बन घर, परिवार, बच्चे, पति, समाज, सभी को अपनी*अच्छाईयों से एक नयी दिशा दिया करती हैं।
दोस्तों की खामियों को खूबियों में बदलने का दम रखती हैं
बेहतर शिक्षा न मिलने पर
माता-पिता से अनुरोध कर स्वाध्याय किया करती हैं।
शादी होने पर ससुराल वालों के तानों पर, कमजोर नहीं हुआ करती हैं।
मायके की खूबियों सच्चाई, ईमानदारी, मेहनत इत्यादि को साथ लेके चला करती हैं।
रिश्तों की बदनीयती पर
आक्रोश व्यक्त करते हुये, उन्हें नेकनियती की राह पर चला दिया करती हैं
बच्चों की प्रतिभाओं पर
ध्यान देते हुये
उनकी गलतियों को
माफ करते हुये, सुधार लाने को प्रोत्साहित किया करती हैं
बहु को स्नेह से सरोबार कर अपनेपन का एहसास दिया करती है
पोता-पोती की शरारतों पर ध्यान रखते हुये, उन्हें उत्तम संस्कारों से सुसज्जित किया करती है
और आखिर में..
बुढ़ापे में परिवार में,
अपने उत्तम स्वास्थ्य, सुनियोजित सेविंग व ज्ञान और अनुभव से
परिवार की ही नहीं, अपितु एक सुंदर समाज की रचना में अपना अमूल्य योगदान दिया करती है
एक औरत जन्म से लेकर
मृत्यु तक
एक सुंदर समाज के सृजन में ही तो रमी रहती है
सिर्फ इसी विश्वास में कि
""इस दुनिया में सृष्टि की हरितिमा चहुँ ओर फैली रहे। सभी स्वस्थ, सुखी, आनन्दित रहें""
तभी तो कहते हैं..
बिना #ज्ञान अधूरी नारी
- राजलक्ष्मी नन्दिनी जी
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