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लखनऊः फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में आर्म्स एक्ट के तहत दोषी वाराणसी। मुख्तार अंसारी के खिलाफ साल 1990 में गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में केस दर्ज किया गया था। 


कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाया है। अदालत बुधवार को दोपहर 12 बजे  सजा सुनाई जाएगी। मुख्तार अंसारी को अधिकतम सजा उम्रकैद की हो सकती है। कोर्ट ने माफिया को भ्रष्टाचार के आरोपी से दोषमुक्त कर दिया है।

वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई पेशी
माफिया मुख्तार फिलहाल बांदा जेल बंद है। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये माफिया मुख्तार को कोर्ट में पेश किया था। मुख्तार अंसारी को जिस फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले माले दोषी पाया गया है, वो केस 34 साल पुराना है। मुख्तार अंसारी ने दोनाली बंदूक का लाइसेंस लेने के लिए जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर किए थे।

बांदा की जेल में बंद है अंसारी
मुख्तार अंसारी पहले से ही बांदा की जेल में बंद है और उसके खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज हैं। करंडा पुलिस में दर्ज हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश के मामले सहित दो मामलों में आरोपी होने के बाद 2009 में मुख्तार पर तीसरी बार गाजीपुर पुलिस द्वारा गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। पहले ही मुख्तार को गैंगस्टर एक्ट के दो अन्य मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है।
इन मामलों में मिली है सजा मुख्तार अंसारी दर्जनों मामलों को लेकर जेल में बंद है। अंसारी को कांग्रेस नेता अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा हुई थी। मुख्तार को गाजीपुर में गैंगस्टर मामले में 15 दिसंबर, 2022 को 10 साल की सजा हुई थी। 21 सितंबर, 2022 को 7 साल कारावास, लखनऊ में गैंगस्टर एक्ट के एक अन्य मामले में 23 सितंबर, 2022 को 5 साल कठोर कारावास, दिल्‍ली में आयुध अधिनियम और टाडा अधिनियम में 10 साल कारावास और गाजीपुर में गैंगस्टर अधिनियम में 10 साल कारावास की सजा हो चुकी है

 

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