वाराणसी: उत्तर प्रदेश के चोलापुर विकास खंड की ग्राम सभा भदवॉ में एक सराहनीय और प्रेरणादायक कदम उठाया गया है। ग्रामीणों ने मिलकर समाज में चली आ रही पुरानी परंपराओं और फिजूलखर्ची को रोकने का एक बड़ा फैसला लिया है।
ग्राम प्रधान पूनम देवी के पति दिनेश प्रसाद की 88 वर्षीय माता राजकुमारी देवी के निधन के बाद, ग्रामीणों ने एक राय होकर 'तेरहवीं' का बहिष्कार कर दिया। उनका मानना है कि शोक के समय होने वाले बड़े खर्चों से बचना चाहिए। इन पैसों का उपयोग किसी अच्छे और जरूरी काम के लिए किया जा सकता है।
मृतक की याद में लगाया गया पौधा
'तेरहवीं' पर होने वाले खर्चों को बचाने के बाद ग्रामीणों ने एक नई और सकारात्मक पहल की। उन्होंने मृतक राजकुमारी देवी की याद में एक पौधा लगाया। यह कदम न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किसी को याद करने के लिए फिजूलखर्ची की नहीं, बल्कि एक सार्थक और स्थायी पहल की आवश्यकता होती है।
इस पहल में हरी सिंह देश प्रेमी, हंस राज सूर्यवंशी (पूर्व बीडीसी), सूर्यकान्त विकल, रमाकांत विकल, राजेश कुमार, मास्टर बीरबल राम, दिनेश कुमार, रविंद्र कुमार, अरविंद कुमार सहित गाँव के कई लोग शामिल थे।
यह घटना दिखाती है कि समाज में लोग अब पुरानी रूढ़ियों को छोड़कर नए और सकारात्मक बदलाव लाने के लिए तैयार हैं। यह फैसला भविष्य में दूसरे गाँवों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।