वााराणसी, 3 अगस्त। 118 वें करपात्र प्राकट्योत्सव के अंतिम दिन रविवार को भव्य विशाल श्रीगौरी केदारेश्वर जलाभिषेक यात्रा निकाली गई। दुर्गाकुण्ड स्थित श्रीधर्मसंघ शिक्षा मण्डल के तत्वावधान में चल रहे चौदह दिवसीय महोत्सव के समापन पर सुबह 9:30 बजे धर्मसंघ परिसर स्थित मणि मंदिर से धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी के पावन सानिध्य में भव्य विशाल शोभायात्रा निकाली गई जिसमें श्रद्धालुओं ने 1008 कलश से गौरी केदारेश्वर का जलाभिषेक किया। शहनाई की मंगल ध्वनि के साथ शोभायात्रा गुरूधाम, चेतमणि चैराहा, विजया तिराहे, भेलूपुर, सोनारपुरा होते हुए केदार घाट पहुंची। मार्गभर भक्तों ने श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा कर उनका स्वागत किया। धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के प्राकट्योत्सव के अवसर पर निकली शोभायात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने शामिल होकर पुण्यलाभ लिया।
विशाल कलश यात्रा में सबसे आगे फूलों से सजे वाहन पर धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज का चित्र लगा हुआ था, उनके पीछे पीत रंग के स्वास्तिक युक्त धर्मध्वजा लिए बटुक चल रहे थे, उनके साथ दंडी सन्यासियों का समूह चल रहा था। यात्रा में धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज बग्घी पर विराजमान होकर चल रहे थे। उनके पीछे बड़ी संख्या में महिलाएं एवं पुरूष श्रद्धालु माथे पर मिट्टी के कलश लिए चल रहे थे। सबसे पीछे
शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालु हर - हर महादेव शंभु, काशी विश्वनाथ गंगे, उॅं नमः शिवाय आदि मंत्रोच्चार करते हुए चल रहे थे। साथ ही साथ धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो का उद्घोष करते हुए केदार घाट पहुॅचें। वहाँ पण्डित जगजीतन पाण्डेय के आचार्यत्व में वैदिक आचार्यो ने गौरी केदारेश्वर का सर्वप्रथम षोडशोपचार विधि से पूजन किया, तत्पश्चात सबसे पहले शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी ने लीटर दूध एवं गंगा जल से बाबा का अभिषेक किया। उसके बाद 1008 कलशों के जल से केदार जी का जलाभिषेक किया गया।
करपात्र धाम में नवाया शीश- इसके उपरान्त धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज एवं पण्डित जगजीतन पाण्डेय के साथ श्रद्धालुओं का जत्था केदार घाट स्थित करपात्र धाम पंहुचा। जहाँ देव विग्रहों के पूजन उपरांत धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी के प्रतिमा पर शीश नवाया।
पूर्णाहुति पर धर्मसंघ में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमे दण्डी सन्यासियों, बटुकों, भुदेवो सहित हजारों भक्तों ने भण्डारे में प्रसाद ग्रहण किया।