वाराणसी। गंगा नदी का जलस्तर (water level of River Ganga) रविवार सुबह केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 71.56 मीटर (71.56 metres) तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 71. 26 मीटर (71. 26 meters) से ऊपर है।गंगा के जलस्तर (water level) में 3 सेंटीमीटर (3 centimetres) प्रति घंटे की रफ्तार से वृद्धि हो रही है।
वाराणसी के सभी 84 घाट जलमग्न हो चुके हैं। अस्सी, सामनेघाट, मारुति नगर समेत कई इलाकों में गंगा और वरुणा नदी का पानी सड़कों तक पहुंच गया है। शीतला मंदिर और रत्नेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृह तक पानी भर चुका है।
चिरईगांव क्षेत्र बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित है। ढाब क्षेत्र के कई गांवों, जैसे छितौनी, चांदपुर, मुस्तफाबाद, बभनपुरा और अंबा में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है, जिससे फसलें जलमग्न हो गई हैं।
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चोरी और अन्य आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए रात में पुलिसकर्मी नावों से गश्त कर रहे हैं।
जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया पर बाढ़ से संबंधित भ्रामक सूचनाएं फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। एनडीआरएफ, जल पुलिस और विशेष रूप से प्रशिक्षित पीएसी बल को बाढ़ राहत और आपातकालीन बचाव कार्यों के लिए तैनात किया गया है।
नदी में स्नान, तैराकी और नौकायन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। आम जनता से अपील की गई है कि वे बाढ़ की स्थिति के साथ किसी भी प्रकार का जोखिम न लें। लाउडस्पीकर और अन्य माध्यमों से समय-समय पर मुनादी कर नागरिकों को सतर्क किया जा रहा है