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"आज (1 अप्रैल) चैत्र शुक्ल तृतीया और चतुर्थी तिथि है। ये दोनों तिथियां एक ही दिन पड़ रही हैं, इस कारण इस साल चैत्र नवरात्रि नौ नहीं आठ दिन की रहेगी। आज ही गणगौर तीज और चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। मंगलवार को चतुर्थी तिथि है, इस वार को जब चतुर्थी तिथि रहती है तो इसे अंगारक चतुर्थी कहते हैं। 
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, मंगलवार का कारक ग्रह मंगल है। मंगल का एक नाम अंगारक है। इस वजह से मंगलवार को पड़ने वाली चतुर्थी को अंगारक चतुर्थी कहते हैं। इस तिथि पर भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने की परंपरा है। माना जाता है कि इस व्रत से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और परिवार के लोगों के बीच आपसी प्रेम बढ़ता है। चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की जन्म तिथि है, इस कारण इस तिथि का महत्व काफी अधिक ह!

इस व्रत से जुड़ी ये बातें ध्यान रखें...

•  जो लोग चतुर्थी व्रत करते हैं, उन लोगों को स्नान के बाद गणेश मंदिर में भगवान के दर्शन करना चाहिए। गणेश जी दूर्वा और हार-फूल चढ़ाएं। लड्डू का भोग लगाएं। अगर मंदिर नहीं जा पा रहे हैं तो घर ही गणेश जी का पूजन करें।

•  गणेश प्रतिमा को सिंदूर, दूर्वा, फूल, चावल, फल, प्रसाद चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं। श्री गणेशाय नम: मंत्र का जप करें। गणेश जी के सामने व्रत करने का संकल्प लें और पूरे दिन अन्न ग्रहण न करें।

•  पूजा में दूर्वा और जनेऊ भी चढ़ाएं। दीपक जलाकर आरती करें। पूजा के बाद प्रसाद अन्य भक्तों को बांटें और खुद भी लें।

•  ध्यान रखें चतुर्थी व्रत में फलाहार, पानी, दूध, फलों का रस आदि चीजों का सेवन किया जा सकता है।

•  शाम को चंद्र उदय के बाद फिर से गणेश जी की पूजा करें। इसके बाद चंद्र देव की पूजा करें। चंद्र को अर्घ्य अर्पित करें। अधिकतर लोग रात में चंद्र पूजा के बाद भोजन कर लेते हैं। इस तरह चतुर्थी व्रत पूरा होता है।

मांगलिक दोष का असर कम करने के लिए शिवलिंग पर चढ़ाएं चावल

•  मंगल ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है। जिन लोगों की कुंडली में मांगलिक दोष है, उन लोगों को इस दोष का असर कम करने के लिए अंगारक चतुर्थी पर मंगल की विशेष पूजा करनी चाहिए।

•  उज्जैन स्थित मंगलनाथ मंदिर और अंगारेश्वर महादेव मंदिर पर मंगल ग्रह की विशेष पूजा की जाती है। माना जाता है कि ये जगह मंगल ग्रह का जन्म स्थान है। इसी वजह से यहां की गई मंगल की पूजा का महत्व है।

•  शिवलिंग का पके हुए चावल से श्रृंगार करें। लाल फूल, लाल गुलाल, लाल मसूर की दाल चढ़ाएं। ऊँ अं अंगारकाय नम: मंत्र का जप करें।

•  मंगलवार को हनुमान जी की भी पूजा करें। दीपक जलाकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।

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