Shaurya News India
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वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में 358 वर्ष प्राचीन परंपरा पर मंदिर न्यास ने विराम लगा दिया है। महंत आवास से मंदिर परिसर तक वर्षों से जाने वाली पंचबदन चल रजत प्रतिमा इस बार नहीं जाएगी।

 

मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी के निधन के बाद अनवरत चली आ रही परंपरा को परिवार की चौथी पीढ़ी नहीं निभा सकेगी।

 

मंदिर प्रशासन अब महंत आवास की प्रतिमा को झूलनोत्सव में शामिल नहीं करेगा।इस प्रकरण का कांग्रेस निंदा करती काशी की  परंपरा को ख़त्म करने में मोदी - योगी सरकार तुली है । 

 

इस प्रकरण पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा की — बीजेपी सनातन विरोधी है  वह काशी की सभ्यता , संस्कृति व बनारसीपन को ख़त्म करने पर उतर गई है काशी पौराणिक शहर है यहाँ की पुरानी परंपरा की काशी के महत्व की पूरक है ।

 

और बीजेपी इसी पुरानी परंपरा को लगातार ख़त्म कर रही है ।बता दे की प्रत्येक वर्ष श्रावण पूर्णिमा पर अपराह्न तीन बजे सप्तर्षि आरती के बाद बाबा का झूला शृंगार होता है ।शृंगार के लिए बाबा की शिव-पार्वती और गणेश प्रतिमा का टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर विशेष पूजन किया जाता था

 

जिसमें नाट्यकोट क्षत्रम् का मंगलवाद्य दल और विश्वनाथ मंदिर के अर्चकगण में सम्मिलित हो पूजन करते थे । शिव, पार्वती और गणेश की रजत प्रतिमा सायं सवा पांच से साढ़े पांच के मध्य साक्षी विनायक, ढुंढिराज गणेश, अन्नपूर्णा मंदिर होते हुएविश्वनाथ मंदिर ले जाई जाती थी जिसने काशी के लोग हर्षोल्लास के साथ शामिल होते थे ।

 

लेकिन अब भाजपा सरकार के इशारे पर मंदिर प्रशासन अब महंत आवास की प्रतिमा को झूलनोत्सव में शामिल नहीं करेगा मंदिर परिसर के झूले पर काशी विश्वनाथ न्यास अब अपनी प्रतिमा सजाएगा।

 

मंदिर के वर्षों पुराने इतिहास में यह पहली बार होगा जब महंत आवास पर झूलनोत्सव में शामिल प्रतिमा मंदिर के गर्भगृह में नहीं रखी जाएगी। मंदिर न्यास की ओर से इसकी जानकारी साझा करते हुए पूर्णिमा यानी अंतिम सोमवार को अपनी स्वयं की प्रतिमा रखने की बात कही है ।

 

हम काशी के वासी इस फैसले पर आपत्ति जताते है । काशी कभी माफ़ नहीं करेगी धर्म के नाम पर राजनीति करने वाली बीजेपी ही असली सनातन विरोधी है ।

 


.साथ ही आगे के कड़ी में चौबे ने कहा की — लगातार माँग व संघर्ष के पश्चात श्रावण माह में प्रशासन द्वारा काशीवासियों को काशी द्वार से सुबह शाम एक घंटा दर्शन की अनुमति मिली जिसे हम काशीवासी स्वीकार किए लेकिन हमने पहले भी कहा था

 

और  फिर माँग करते है प्रशासन से की काशीवासियों को प्रातः 4 बजे से सुबह 9 बजे तक व सायंकाल 4 बजे से शयन आरती तक दर्शन की सुविधा काशी द्वार से प्रदान की जाये । 


रिपोर्ट समीर 
 

 

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