Shaurya News India
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वाराणसीः महाशिवरात्रि पर वि‍शेष पंचकोसी परिक्रमा करने के लिए युवाओं का हुजूम मंगलवार को मणिकर्णिका घाट पर उमड़ने लगा है. घाट पर स्थित चक्रपुष्कर्णी कुंड और गंगा में स्नान कर हजारों युवाओं का भीड़ संकल्प लेने के साथ ही पंचक्रोशी यात्रा पर निकल पड़ा है. काशी के चारों ओर स्‍थि‍त पंचकोसी परि‍क्रमा मार्ग पर हर हर महादेव के जयघोष गूंज रहे हैं. 

 

पंचकोसी मार्ग पर नंगे पांव ही 25 कोस यानी लगभग 80 किलोमीटर की पुण्‍य यात्रा अगले 24 घंटे में युवा शिवभक्त पूरी करेंगे. परम्परानुसार यात्रा पूरी होने पर ज्ञानवापी स्थित व्यासपीठ पर संकल्प छोड़ने के बाद यात्रा पूर्ण मानी जाती है. हर हर महादेव के जयघोष के साथ युवा गंगा स्नान कर पंचक्रोशी यात्रा के लिए निकल गए हैं. सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर घाटों पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. 

 

महाशिवरात्रि की ऐसी मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान राम ने पत्नी सीता और भाइयों के साथ अपने पिता दशरथ को श्रवण कुमार के श्राप से मुक्ति दिलाने के लिए पहली बार यह पवित्र परिक्रमा की थी. दूसरी बार जब भगवान राम ने रावण का संहार किया तब ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति के लिए सीता और लक्ष्मण के साथ पंचक्रोशी की यात्रा की. यह भी माना जाता है कि द्वापर युग में अज्ञातवास के समय पाण्डवों ने द्रौपदी के साथ यह यात्रा की थी.

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